1.
मेरी आँखों को तुम आँसू दो,
ये दर्द-ए-ज़हर मुझे पीने दो,
मैंने सपनें जो कभी देखे हो,
मांगो दुआ न वो कभी पुरे हो,
फिर भी ‘जिंदा’ मैं जब तक रहूँगा ,
मोहब्बत तुमसे मैं करता रहूँगा !! -ABZH
2.
ये दुनिया हैं कहती मुझे आज-कल के ये तो पीता नहीं था ये शराबी नया हैं,
मेरे नशे को न तौलो ऐ दुनियावालों जो इस पैमाने में हैं वो पुरानी दवा हैं !! -ABZH
3.
जीवन-मरण के जन-समंदर में एक छोटी सी कश्ती मेरी भी हैं,
शायद साहिल तक जा नहीं पाऊँ पर डूबने की हस्ती मेरी भी हैं !!
-ABZH
4.
हमें नज़ारें तुम क्या दिखाओगे, कि उसके बिना भी ये साँस चल रही हैं, यही क्या कम हैं ? -ABZH
5.
उठाना खुद को पड़ता हैं, थका हुआ जिस्म अपना, के सांस रुकने से पहले कोई कन्धा नहीं देता !!
– सैयद अहमद शाह “फ़राज़”
6.
तब उन बातों का सिलसिला एक-तरफा था,
कि मानो मेरे होंठ सिले हुए हों,
आखिरी में इल्ज़ाम ये लगा की मेरी धड़कनें बोल रही थी !! -ABZH
7.
थोड़ी जलाई गयी थी और थोड़ी बुझाई गयी थी, वो आग तो आज भी जल रही हैं जो कभी लगाई गयी थी !! -ABZH (देश-भक्त शहीदों को कोटि-कोटि नमन)
8.
के रास्तों का कद बहुत बड़ा होता हैं , ऐ मंजिल तू अपनी औकात में रह !! -ABZH
9.
महफ़िल -महफ़िल रौशनी बिक गयी, रात भर सूरज भी हैरान रहा !! -ABZH
-ABZH