1.
मेरे दिल की तलाशी लेने वाले,
तू कभी सोज़-ए-गम पे भी यकीन कर,
महफिलों में ज़न्नत ढूंढने वाले,
तू कभी मिट्टी के घरों में भी ढूंढने चल !! -ABZH
2.
मैं सोचता हूँ, यह मनुज भी कभी-कभी कितना आश्चर्य कृत्य करता हैं ,
खुद तो प्यार मोहब्बत से रह नहीं पाया, इन पत्तों और फूलों को जुदा करता हैं,
पत्थरों और इस नश्वर दुनिया को सजाने के लिए, क्यों इनकी प्यार भरी दुनिया तबाह करता हैं !
– ABZH (From Phool Aur Pattein)
3.
वो वाकिफ नहीं था रहम-ओ-करम से,
या फिर कानूनी नहीं था मेरा आशियाना,
वो तूफ़ान लाया बेसबब किस भरम से,
कि मुमकिन नहीं था फिर घर बसाना !! -ABZH
4.
कि तुम मुद्दतों बाद जलजले की बात करते हों, यहाँ तो हर रोज क़यामत आती हैं !! -ABZH
5.
कि एक राह गुजरती हैं मेरे सूने ख्वाबों में,
हर मोड़ पे रुकती हैं जाने किसके यादों में !! -ABZH
6.
ऐतबार-ए-इंतज़ार हम कितना कर गए ,
ये किसे मालुम यहाँ !!
कि कौल-ओ-करार हम कितना कर गए,
ये किसे मालुम यहाँ !! -ABZH
7.
शिकायत करे क्या हम,
इन अश्कों से क्या गम,
दिल की दीवारें हुई फिर से नम,
कि अब हम तुम नहीं हम-तुम !! -ABZH
8.
अजनबी तो हम थे ही पहले, फिर हुए तो क्या हैं गम !! -ABZH
9.
कि आशना हैं ये जान हमारी,
पर तेरी महफ़िल का तलबगार नहीं,
ऐसे आते होंगे चाँद-सितारे,
पर तेरी महफ़िल में वो प्यार नहीं !! -ABZH
10.
दिलकश आरज़ू,किसी की रिक्क़त,
वो जन्नत और रूमानी मौसम,
किसी की जुस्तजू, दिल की गैरत,
वो मोहब्बत और जाह-ओ-हशम,
ऐसे तो इनके बगैर भी कितने लोग जिंदा हैं,
फिर ऐ दिल तू ही क्यों शिकवा करे !! -ABZH