जनवरी, 2019 के लिए पुरालेख

Phir Lout Na Aana

Posted: जनवरी 1, 2019 in Uncategorized
अनीति का कोष पुनः संचित कर,
खड्ग-बल के आधार पे लड़ कर,
विगत वर्ष के भी निंद्य से बढ़ कर,
क्षमा, दया, तप, त्याग को तज कर,
जब चला गया फिर लौट न आना,
शीर्ण ही ठीक हैं, नव वर्ष न आना |
 
शोषण की श्रृंखला विकट कर,
सत और श्रम का अंत निकट कर,
पूँजीपति बन श्रमिक से कपट कर,
श्रमदान के विधान को झपट कर,
जब चला गया फिर लौट न आना,
शीर्ण ही ठीक हैं, नव वर्ष न आना |
 
मनुज-प्रकृति का दाहक बन कर,
घृणा, कलह, विद्वेष में तप कर,
चतुर्दिक छल हिंस्र भूतल कर,
गरल-घूंट जन-जन में भर कर,
जब चला गया फिर लौट न आना,
शीर्ण ही ठीक हैं, नव वर्ष न आना |
 
खड्ग-भीत तन सस्पृह ह्रदय कर,
उर-उर में साम्राज्य स्नेह भर कर,
अंध-धर्म के षड्यंत्र को रच कर,
राम-राज्य के अंत को लिखकर,
जब चला गया फिर लौट न आना,
शीर्ण ही ठीक हैं, नव वर्ष न आना |
 
भीष्म के प्रण के दीप कुचल कर,
दुष्ट कौरवों के मार्ग में चल कर,
न्याय के वध को न्यायोचित कर,
भाई-भाई के युद्ध को स्थिर कर,
जब चला गया फिर लौट न आना,
शीर्ण ही ठीक हैं, नव वर्ष न आना | -चंद्र शेखर तिवारी