टूटे ये सपने,
तो सितारे दिखे,
आसमान में भी कितने,
बेसहारे दिखे,
वफ़ा में जलते,
नज़ारे दिखे,
पतझड़ में महकते,
बहारे दिखे,
साँसों से लिपटते,
शरारे दिखे,
आँखों से छलकते,
इशारे दिखे,
समंदर में डूबे,
किनारे दिखे,
क़यामत में बहकते,
खुमारे दिखे,
मोहब्बत में हँसते,
मजारे दिखे,
खुदा के भी दिल में,
दरारे दिखे,
कुछ तुम्हारे दिखे,
कुछ हमारे दिखे !! -ABZH
मार्च, 2012 के लिए पुरालेख
अजब दासता थी,
अजब थी कहानी,
आँखों में ठहरा,
समंदर तूफानी !!
कई ऐसे गम थे,
रगों में दफ़न थे,
लम्हें वो नम थे,
बड़े बेरहम थे !!
वही आसना थी,
जो रब की दुआ थी,
वो चेहरे में मेरे,
बनकर निशानी !!
जीए कैसे हम थे,
जीए कैसे तुम थे,
वादों के भरम थे,
यादों के जखम थे !! -ABZH
दो बूँद खून क्या,
अपनी जान दे गया,
लूटो तुम्हारे वास्ते,
वो हिंदुस्तान दे गया !!
माँ-बाप पे जो गुजरी,
जाने क्या ये वतन,
घर का चिराग बुझ गया,
कोई कैसे करे जतन !!
सत्ता के गलियारों में,
सिर्फ क़ानून ही नहीं,
इंसान ऐसे घूमते हैं,
जिनके दिल नहीं !!
किसको यकीन दिलाये,
कभी आज़ाद थे यहाँ,
वहाँ ईमान बिक रहा हैं,
कल सुभाष थे जहाँ !!
-ABZH
ऐ आसमान तुने किसको दिया हैं ठिकाना ?
बादल भी टूट कर धरती पर बरसा,
उड़-उड़ परिंदा भी बसेरे को तरसा,
बुलंदी हैं तेरी कि तेरे निचे हैं धरती,
तुझे छूने के लिए ये दुनिया हैं मरती,
तू न मिला हैं किसी को न मिलेगा किसी को,
यह भेद, ऐ दुनिया तू समझेगा कभी तो,
कितने घर उजड़े हैं कितने सपने टूटे हैं,
तुझे पाने के लिए कितने अपने छूटे हैं,
ऐ दुनिया के मालिक तेरा आसमान बेवफा हैं,
कभी भी जिंदा किसी को ये मिलता कहाँ हैं,
दुनिया तू खुश रह जो भी मिला हैं जो भी तेरा जहां हैं,
सदिया बीत गयी फिर भी देख कहाँ तू और कहाँ आसमान हैं !!
ऐ आसमान तुने किसको दिया हैं ठिकाना ?
-ABZH
1.
आज अगर तुम्हें हो यकीन,
तुम्हें हो यकीन,
तो मुझे फिर पुकार लो,
हो सके तो फिर एक दफा,
फिर एक दफा,
तुम मुझे फिर जान लो !!
2.
फिर हवा चल पड़ी हकीक़त को यूँ लेकर,
ख्वाबों का वो पहरा कहाँ खो गया,
खलिश मेरे दिल की कुछ बढती गई ऐसे,
अश्को का सागर और गहरा हो गया !!
3.
दिल छिपाने लगा हैं तू आजकल,
रिश्तें ग़मों के बताता नहीं,
दुसरो की दुनिया में तू उलझा रहा,
अपनी ही दुनिया बनाता नहीं !!
4.
मेरी धड़कनें तू न शोर कर,
ये शाम खामोश हैं बड़ा,
राह-ए-जुस्तजू के मोड़ पर,
ये वक़्त कब से हैं खड़ा !!
5.
मौत की शमा जलती रहेगी, कितने परवाने कतार में हैं !!
6.
अश्कों का भी जीना क्या हैं,
गिरते-गिरते जी लिए,
कुछ को लम्हें ढूंढ़ रहे हैं,
कुछ को लम्हें पी लिए !!
7.
हलचल तू दिल की नशे में उतार ले, साकी से और एक जाम तू उधार ले !!
8.
अजनबी ये सफ़र,
अजनबी रहगुजर,
आओ फिर हम चले,
दो कदम एक डगर !!
9.
चलो आज फिर एक दफा उन रास्तो से गुजर कर देखते हैं, कि तुम ही कहो आखिर शुरुआत किस मोड़ से की जाए !!
-ABZH
1.
आईने को तोड़ देने से आईना झूठा नहीं होता,
कि एक बाजी जीत लेने से कोई फरिस्ता नहीं होता !!
2.
बे-मिस्ल-ओ-मिसाल कहूँ मैं उस विसाल को,
इम्तिहान की आरज़ू को मिली उस सवाल को !!
3.
चलते-चलते उखड़े पवन छेड़ देते हैं काँटों से पुष्पों के तन,
कि इतने काँटों के इस भीड़ में किससे शिकायत करे ये चमन !!
4.
तारीखों के पन्नों की रंगीनियों में डूबनेवाले इस दुनिया में कम नहीं हैं,
कि बस इतना याद रहे की उन पन्नों को पलटनेवाला कोई और हैं !!
5.
कि सुख हैं छाव तो दुःख धूप हैं,
इस ज़िन्दगी के तो दो ही रूप हैं !!
6.
नहीं रहा किसी नीति से रिश्ता,
प्रकृति मुझसे खेल रही हैं,
हर मकाम पर दिया अग्नी-परीक्षा,
मेरी राहें कब से झेल रही हैं !!
7.
मोहब्बत भरी ज़िन्दगी देखी हैं, कि ये नया क्या हैं जो फिर मोहब्बत करें !!
8.
लहरों की तरह टूटा हूँ,
खुद से बेखुद रूठा हूँ,
ऐ साहिल मुझ पर इल्ज़ाम न दे,
कि माना अब तेरा मेरा साथ नहीं ,
पर मेरा तूफ़ान उठाने में हाथ नहीं !!
9.
कोई दिलकश नज़ारा चलो हम बनाते हैं,
ज़िन्दगी को एक नए सिरे से फिर सजाते हैं !!
-ABZH