जून, 2014 के लिए पुरालेख

O Mere Aasmaan

Posted: जून 23, 2014 in Uncategorized

ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥

अपने सूरज को थोड़ा कम कर दे,
अपनी आँखों को थोड़ा नम कर दे,
कब से प्यासी हैं तेरी धरती,
अपनी धरती पे कुछ रहम कर दे ॥

ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥

सारे तारे उदास बैठे हैं,
चाँद के आस-पास बैठे हैं,
इतने रौशन हैं दिख नहीं सकते,
इसलिए बद-हवास बैठे हैं ॥

तू बता दे उजाला किसका हैं ?
नूर में ये हवाला किसका हैं ?
इसकी गिनती का कुछ करम कर दे,
अपनी धरती पे कुछ रहम कर दे ॥

ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥ -डॉ कुमार विश्वास