ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥
अपने सूरज को थोड़ा कम कर दे,
अपनी आँखों को थोड़ा नम कर दे,
कब से प्यासी हैं तेरी धरती,
अपनी धरती पे कुछ रहम कर दे ॥
ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥
सारे तारे उदास बैठे हैं,
चाँद के आस-पास बैठे हैं,
इतने रौशन हैं दिख नहीं सकते,
इसलिए बद-हवास बैठे हैं ॥
तू बता दे उजाला किसका हैं ?
नूर में ये हवाला किसका हैं ?
इसकी गिनती का कुछ करम कर दे,
अपनी धरती पे कुछ रहम कर दे ॥
ओ मेरे आसमां, ओ मेरे आसमां ॥ -डॉ कुमार विश्वास