नवम्बर 28, 2010 के लिए पुरालेख

Media ka yeh shor hain

Posted: नवम्बर 28, 2010 in Uncategorized

Media ka yeh shor hain,
Sara India chor hain,
Raat ko kahe bhor hain,
Iska itna zor hain !!

Isko sab pata hain,
Iske paper me chhapa hain,
Dharati kitna tapa hain,
Iske daftar me napa hain !!

— In progress.

मीडिया का यह शोर हैं,
सारा इंडिया चोर हैं,
रात को कहे भोर हैं,
इसका इतना जोर हैं !!

इसको सब पता हैं,
इसके पेपर में छपा हैं,
धरती कितना तपा हैं,
इसके दफ्तर में नपा हैं !!

— ABZH

Tumko sheeshagari nahi aati

Posted: नवम्बर 28, 2010 in Uncategorized

तुमको शीशागरी नहीं आती|
यूँ कहो जिंदगी नहीं आती|

एक हवेली की ओट पड़ती है,
मेरे घर रौशनी नहीं आती|

अपने अश्कों को रायगा न करो,
पत्थरों में नमी नहीं आती|

हम हमेशा दुआएं देते है,
क्या करें दुश्मनी नहीं आती|

रोज मिलते हो कैसे मिलते हो,
फासले में कमी नहीं आती|

मैंने देखा था आइना एक दिन,
अब किसी पे हंसी नहीं आती|

–राजीव मतवाला