Kitna Badal Gaya Vidhan

Posted: मई 15, 2010 in Shayari, Uncategorized

पर्व 1:
“देख तेरे भगवान की हालत क्या हो गई ईन्सान; कितना बदल गया भगवान , भुखों के घर में डेरा न डाले सेठो का हों मेहमान; कितना बदल गया भगवान !!” – अन्य

पर्व 2:
“देख तेरे सँसार की हालत क्या हो गई भगवान; कितना बदल गया ईन्सान, सुरज न बदला चाँद न बदला ना बदला रे आसमान; कितना बदल गया ईन्सान !!” – अन्य

पर्व 3:
“देख तेरे सँसार की हालत क्या हो गई विज्ञान; कितना बदल गया विधान, भगवान भी नकली ईन्सान भी नकली सबको प्यारी रुपयों की पोटली; आज रुपया हैं भगवान; कितना बदल गया विधान !!” – ABZH

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